11 जुलाई को ‘वर्ल्ड पापुलेशन डे’ को लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ ने बयान दिया था, जो काफी चर्चा में आया था। अपने बयान में योगी आदित्यनाथ ने कहा की एक वर्ग की आबादी बढ़ने से अराजकता का खतरा होता है। जिसके बाद AIMIM के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि योगी आदित्यनाथ भारत और उत्तर प्रदेश के मुसलमानों को मूल निवासी नहीं समझते हैं। उन्होंने ये भी कहा कि यह सरासर गलत है। भारत में मूल निवासी केवल आदिवासी और द्रविड़ लोग हैं। असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि मुसलमान सबसे ज़्यादा गर्भ निरोधकों का उपयोग कर रहे हैं।
इसी घमाशन में अब एंट्री हो गयी है, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रमुख मोहन भागवत की। आज मोहन भागवत ने जनसंख्या नियंत्रण पर बयान दिया है। उन्होंने कहा कि सिर्फ खाना और जनसंख्या बढ़ाना तो जानवर भी करते हैं। सिर्फ जिंदा रहना ही जिंदगी का उदेश्य नहीं होना चाहिए। मनुष्य के कई कर्तव्य होते हैं। मोहन भागवत का ये बयान ऐसे समय आया है, जब देश में जनसंख्या नियंत्रण को लेकर बहस छिड़ी हुई है।
एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मोहन भागवत ने कहा कि मनुष्य के पास अगर बुद्धि नहीं होती तो वो पृथ्वी पर सबसे कमजोर प्राणी होता। उन्होंने आगे कहा कि जो ताकतवर है वो जीवन जी लेगा, यह जंगल का कानून है, लेकिन मनुष्यों की व्याख्या है कि सबसे योग्य व्यक्ति दूसरों को जीने में मदद करेगा। जिसके बाद ओवैसी ने इस बयान पर अपनी टिप्पणी दी है, ओवैसी ने मोहन भगवत को संविधान पढ़ने की सलाह दे डाली, ओवैसी ने कहा की मोहन भगवत रोजगार पर बात क्यों नहीं करते? आगे ओवैसी बोले की RSS चाहता है देश में सिर्फ एक ही संस्कृति हो, ओवैसी ने कहा की हिंदुत्व और भारतीयता में फर्क है, सच्चाई संविधान है उसको मनना पड़ेगा।
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Vaishali Rastogi