लखीमपुर खीरी हिंसा मामले के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा को लगा बड़ा झटका। इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ पीठ से आज उन्हें ज़मानत नहीं मिली. हाईकोर्ट ने मंगलवार को लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में हुई हिंसा को लेकर सुनवाई की थी। इस हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मौत हुई थी। आज कोर्ट ने मामले में अभियुक्त एवं केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा की जमानत याचिका को खारिज कर दिया है.
दरअसल, लखनऊ बेंच के जस्टिस कृष्णा पहल की अदालत ने मामले की सुनवाई करने के बाद पिछली 15 जुलाई को अपना आदेश सुरक्षित कर लिया था, जिस पर आज यानी मंगलवार को सुनवाई हुई. गौरतलब है कि तिकुनिया कांड में हाईकोर्ट ने पिछले 10 फरवरी को आशीष को जमानत दे दी थी मगर बाद में सुप्रीम कोर्ट ने जमानत आदेश को निरस्त कर दिया। और सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट को निर्देश दिए कि वह पीड़ित पक्ष को पर्याप्त मौका देकर जमानत याचिका पर फैसला सुनाए.
इसी मामले पर हाईकोर्ट ने जमानत याचिका पर नए सिरे से सुनवाई की थी. फिलहाल, आशीष मिश्रा को जेल की 21 नंबर बैरक में रखा गया है. फॉरेंसिक साइंस लैबोरेटरी ने पुष्टि की है कि 3 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी हिंसा के दौरान आरोपी अंकित दास और आशीष मिश्रा की लाइसेंसी बंदूकों से गोलियां चलाई गई थीं. लखीमपुर पुलिस ने आशीष मिश्रा और अंकित दास के लाइसेंसी हथियार जब्त किए थे.
गौरतलब है कि पिछले साल तीन अक्टूबर को लखीमपुर खीरी जिले के तिकुनिया इलाके में एक कार्यक्रम आयोजित हुआ था। केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा ‘टेनी’ के गांव में हुए इस कार्यक्रम में उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य शामिल होने के लिए जा रहे थे। तभी रास्ते में किसानो द्वारा उनके खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया गया। इसी प्रदर्शन में हुई हिंसा में चार किसानों समेत आठ लोगों की मृत्यु हो गई. इस मामले में आशीष मुख्य अभियुक्त है.
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Yasmin