एक दौर में समाज में महिलाओं की स्थिति क्या थी, कैसी थी, ये किसी से छुपा नहीं है। लेकिन समय के साथ इसमें बेहतरी आई, आज के समय में महिलाओ को पुरूषों के समान ही अधिकार है, लेकिन राजस्थान से एक चौकाने वाली खबर सामने आई है, जिसे सुन कर विश्वास नहीं कर पाएंगे, दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के मुताबिक, आज के दौर में भी छोटी-छोटी बच्चियों को बेचा जा रहा है। जिनकी उम्र 13, 14 या 15 है।
इन नाबालिक बच्चियों को शादी के नाम पर बेच दिया जाता है, जिसकी रकम 50 हज़ार से 1.50 लाख तक है। ‘बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ’ जैसे स्लोगन यहां सुनाई जरूर देते हैं, लेकिन केवल सामाजिक कार्यक्रमों की स्पीच में। असल में राजस्थान के तीन से ज्यादा जिलों में बेटियों को रोजमर्रा के सामान की तरह ख़रीदा बेचा जा रहा है। खरीदार देश के अलग-अलग हिस्सों से आते हैं और छोटी उम्र की बच्चियों का भाव लगाते हैं। ये बच्चियां मुश्किल से आठवीं पास कर पाती हैं।
लड़कियों को क्यों बेचा जा रहा है? कुछ एक्सपर्ट्स मानते हैं की देश में महिलाओ की कमी है और पुरुष ज़्यादा हैं और ऐसे में महिलाओ की खरीद फरोश ज़्यादा होती है, लेकिन वही fifth National Family Health Survey के अनुसार देश में 1,000 पुरुषो के ऊपर 1,020 महिलाये हैं। यानी महिलाओ का आंकड़ा अब पुरुषो से अधिक है, वही एक आंकड़ा ये भी है की राजस्थान का सेक्स रेश्यो भारत के सेक्स रेश्यो की तुलना में काफी कम है।
2011 की जनगणना के अनुसार राजस्थान में प्रति हजार पुरुष पर 928 महिलाएँ हैं। जो कम है, लेकिन सवाल ये है की महिलाओ को खरीदने वाले तो अन्य राज्यों से आते हैं। तो आखिर ये स्तिथि हमारे देश में क्यूँ है? जहाँ महिलाए प्लेन उड़ाने से लेकर चाँद तक जा रही है, वही एक काला सच ये भी है। देश में औरतों की शादी की उम्र कम से कम 18 वर्ष थी, लेकिन 15 अगस्त 2020 को प्रधान मंत्री ने एक प्रस्ताव रखा था, जिसमे शादी की उम्र 21 होने की बात कही गयी थी, और वही सच्चाई ये है की राजस्थान में 21 वर्ष से छोटी 15-15 साल की बचियों को बेचा और खरीदा जा रहा है।