महाराष्ट्र को लेकर, महाराष्ट्र के राज्यपाल का एक बयान आया, जिसका भर के विरोध किया जा रहा है। विवादित टिप्पणी के बाद विपक्ष ने राज्यपाल की शिकायत केंद्र सरकार से करने की बात कही है। दरअसल, राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने मुंबई को आर्थिक राजधानी होने का क्रेडिट गुजरातियों और राजस्थानियों को दिया है। अपने बयान में राज्यपाल ने कहा, ‘गुजरातियों और राजस्थानियों को लेकर कहा की, अगर इनको निकल दो, तो तुम्हारे यहाँ कोई पैसा बचेगा ही नहीं’।
मुंबई के अंधेरी इलाके में एक चौक के नामकरण समारोह के कार्यक्रम में ये बयान दिया गया। राज्यपाल, कोशियारी ने ये तक कह दिया की, ये राजधानी जो आर्थिक राजधानी कहलाती है, ये आर्थिक राजधानी कहलाएगी ही नहीं।” जिसके बाद बयान के विरोध में विपक्ष मैदान में उतर गया है, राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के इस बयान की विपक्ष ने आलोचना की।
सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने भी राज्यपाल के बयान का विरोध किया। सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा कि, ‘यह बयान महाराष्ट्र के मेहनती लोगों का अपमान है। मराठी लोगों ने दिन रात मेहनत करके देश में महाराष्ट्र राज्य को आगे किया। राज्यपाल को तुंरत माफी मांगनी चाहिए। वरना, हम उन्हें बदलने की मांग करेंगे’। उन्होंने तंज और सवाल के लहजे में कहा कि, ‘CM और डिप्टी CM क्या इससे सहमत हैं? वो अभी तक अपने कैबिनेट मंत्रियों पर सहमति नहीं बना पाए हैं’।
वही राज्यसभा सांसद संजय राउत ने ट्वीट कर लिखा की, ‘महाराष्ट्र में भाजपा समर्थित मुख्यमंत्री होते ही मराठियों और छत्रपति शिवाजी महाराज का अपमान शुरू हुआ। स्वाभिमान और अपमान के मुद्दे पर अलग हुआ गुट अगर इस पर चुप बैठता है तो शिवसेना का नाम न लें। कम से कम CM शिंदे इसका विरोध तो करें’। आपको बता दे इस बयान का विरोध करने शिंदे गुट भी उतर कर सामने आ गया है शिंदे गुट के प्रवक्ता दीपक केसरकर ने कहा है कि, ‘’वो राज्यपाल के खिलाफ केंद्र सरकार में शिकायत दर्ज कराएंगे। उन्होंने यह भी कहा कि राज्यपाल का बयान राज्य का अपमान है। केसरकर ने कहा कि यह बयान बताता है कि राज्यपाल को मुंबई के बारे में बहुत कम जानकारी है। राज्यपालों को राज्य की भावनाओं की रक्षा करनी चाहिए’।