जुलाई में होने वाले राष्ट्रपति चुनावों के लिए दिल्ली में बुधवार को विपक्षी रणनीति पर चर्चा करने के लिए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी द्वारा बुलाई गई बैठक में कांग्रेस हिस्सा लेगी। खास बात यह है कि राष्ट्रपति चुनाव में इस बार भाजपा तथा उसके सहयोगियों के पास जीत के लिए पर्याप्त वोट नहीं है। ऐसे में ममता बनर्जी द्वारा बुलाई गई बैठक में कांग्रेस का शामिल होना एक बड़ा संकेत है। कांग्रेस की ओर से ममता की बैठक में वरिष्ठ नेता मल्लिकार्जुन खड़गे, जयराम रमेश और रणदीप सिंह सुरजेवाला शामिल होंगे। वहीँ उधर राष्ट्रीय लोक दल के अध्यक्ष जयंत चौधरी भी इस बैठक में शामिल होने की हामी भर चुके है।
संभावित उम्मीदवार की बात करें तो अभी तक इस बात के संकेत मिल रहे हैं कि एनडीए की ओर से केरल के राजयपाल आरिफ मुहम्मद खान तो वहीँ संयुक्त विपक्ष की ओर से एनसीपी नेता शरद पवार संभावित उम्मीदवारों में से एक हैं। लेकिन, इससे इतर पवार अपनी उम्मीदवारी को खारिज कर चुके हैं तो आरिफ मुहम्मद खान कुछ बोलने से इंकार कर रहे है।
जुलाई 18 को राष्ट्रपति चुनाव
9 जुलाई को चुनाव आयोग के अध्यक्ष राजीव कुमार के द्वारा प्रेस कॉन्फ्रेंस करके अगामी राष्ट्रपति चुनाव की घोषणा कर दी गई। चुनाव आयोग के अध्यक्ष राजीव कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में मीडिया से बात चित करते हुए कहा की संविधान की अनुच्छेद 62 के अनुसार मौजूदा राष्ट्रपति के कार्यकाल ख़त्म होने से पहले राष्ट्रपति चुनाव कराना आवश्यक है।
तत्कालीन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का कार्यकाल 24 जुलाई को समाप्त हो रहा है। ऐसी स्तिथि में अनुच्छेद 62 का पालन करते हुए 24 से पहले नए राष्ट्रपति का चुनाव आवश्यक है। ऐसे में देश में भारत के अगले राष्ट्रपति के लिए 18 जुलाई को चुनाव होंगे और यदि आवश्यक हुआ तो तीन दिन बाद मतगणना होगी। एनडीए के पास आश्वस्त जीत के लिए संख्याबल नहीं है।इस लिए इस बार संयुक्त विपक्ष एक मजूबत उम्मीदवार के साथ राष्ट्रपति चुनाव के लिए मैदान में उतरने की कोशिश करेगा।