अफगानिस्तान में तालिबान राज आने के बाद पूर्व की तुलना में अभी अलप्संख्यको पर हमले की संख्या में भारी बढ़ोतरी हुई है।
राजधानी काबुल में कार्त-ए-परवान गुरुद्वारे के अंदर इस्लामिक स्टेट के आतंकवादियों ने अंधाधुंध फायरिंग की है। फायरिंग में एक सुरक्षाकर्मी की मौके पर ही मौत हो गई है तथा दो लोगों को अस्पताल ले जाया गया है एवं 7 से 8 लोग अब भी गुरूद्वारे के अंदर फंसे हुए हैं। स्थानीय समाचार एजेंसियों के अनुसार सुरक्षाकर्मियों और आतंकवादियों में मुठभेड़ जारी है।
पूर्व भाजपा प्रवक्ता नूपुर शर्मा द्वारा पैगंबर मोहम्मद के खिलाफ टिप्पणी के बाद ऐसे हमले की चेतावनी दी गई थी। आतंकवादी समूह इस्लामिक स्टेट से जुड़े इस्लामिक स्टेट्स खुरासान प्रांत ने एक वीडियो जारी करके हमले की धमकी दी थी। आतंकवादी समूह ने कहा था कि 2020 के गुरुद्वारा हमले को दोहराया जाएगा। वीडियो में भारतीय टेलीविजन चैनल के साथ तालिबानी रक्षा मंत्री मुल्ला याकूब के साक्षात्कार और अफगानिस्तान में भारतीय प्रभारी के साथ वित्त मंत्री अमीर मुत्ताकी की बैठक को लेकर भी तालिबान की आलोचना की गई।
2020 गुरुद्वारा हमले में मारे गए थे 27 लोग
2020 के मार्च महीने में हुए आतंकी हमले में काबुल के शॉर्ट बाजार इलाके में श्री गुरु हर राय साहिब गुरुद्वारे में IS के आतंकवादियों के घातक हमले में 27 सिख मारे गए और कई घायल हो गए थे।
दुनिया भर के सिख नेताओं का अनुमान है कि तालिबान शासित देश अफगानिस्तान में सिर्फ 140 सिख रह गए हैं, जिनमें से ज्यादातर पूर्वी शहर जलालाबाद और राजधानी काबुल में हैं।