देश-विदेश में कोरोना के बाद अब मंकिपॉक्स अपने पैर पसार रहा है। WHO ने मंकीपॉक्स को लेकर पूरी दुनिया में हेल्थ इमरजेंसी घोषित की है। इस घोषणा के बाद से ही सभी लोग एक बार फिरसे दहशत में है। भारत में मंकिपॉक्स को लेकर क्या स्थिति है और सरकार की इसपर कितनी तैयारी है इन सभी पहलुओं पर आज हम बात करेंगे।
भारत में मंकिपॉक्स की दस्तक 14 जुलाई को हो गयी थी। केरल के कोल्लम में पहला केस दर्ज किया गया था। इसके बाद केरल में ही 18 जुलाई को दूसरा और 22 जुलाई को तीसरे केस की पुष्टि हुई थी। ये तीनों मरीज खाड़ी देशों से लौटे थे। वही 25 जुलाई को दिल्ली में चौथे केस की पुष्टि हुई। हालांकि इस मरीज की कोई ट्रेवल हिस्ट्री नहीं है। वहीं अब तक तेलंगाना, बिहार, यूपी और दिल्ली में 4 संदिग्धों की पहचान की गई है। इनके सैंपल पुणे के नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी में भेज दिए गए हैं।
मंकीपॉक्स गाइडलाइंस:
– इन दिशानिर्देश में सबसे पहले कहा गया है कि मंकीपॉक्स संक्रमित रोगी को 21 दिन तक क्वारैंटाइन रहना होगा।
– चेहरे पर ट्रिपल लेयर यानि तीन लेयर वाला मास्क पहनना होगा इसके साथ ही हाथों को समय -समय पर धोते रहने की सलाह दी गयी है।
– घावों को पूरी तरह से ढककर रखना है और पूरी तरह से ठीक होने तक अस्पताल में रहना होगा।
– अस्पताल के वार्ड में भर्ती संक्रमित रोगी या फिर संदिग्ध रोगी की किसी भी दूषित चीजों के संपर्क में आने वाले स्वास्थ्य कर्मियों को तब तक ड्यूटी से बाहर नहीं करना है, जब तक उनमें कोई लक्षण विकसित न हो। हालांकि, ऐसे स्वास्थ्य कर्मचारियों की 21 दिन तक निगरानी बहुत जरूरी है।
– मंकीपॉक्स मरीज के संपर्क में आने, उससे शारीरिक संपर्क बनाने या फिर उसके आसपास दूषित चीजों जैसे कपड़े, बिस्तर आदि के संपर्क में आने पर संक्रमण फैल सकता है। इससे बचना बहुत जरूरी है।
मंकीपॉक्स से निपटने के लिए केंद्र ने वैक्सीन मेकर कंपनियों से मंकीपॉक्स के लिए डाइग्नोस्टिक किट्स तैयार करने का ऑर्डर दे दिया है। ताकि इस रोग की पहचान जल्द और सटीक हो सके। इसके साथ ही बीमारी से निपटने के लिए वैक्सीन भी तैयार करना जरूरी है। इस पर भी तेजी से काम करने का दावा सरकार ने किया है। इसके लिए ICMR ने कंपनियों से प्रस्ताव भी मांगे हैं।
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Yasmin